जामुन की गुठली, जिसे हम अक्सर बेकार समझकर फेंक देते हैं, वास्तव में आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है। इसमें एंथोसायनिन, फेनोलिक यौगिक, ग्लाइकोसाइड्स और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों से बचाने में सहायक होते हैं। आइए जानते हैं कि जामुन की गुठली का पाउडर कैसे तैयार किया जाता है और इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
पाउडर बनाने की विधि
जामुन की गुठली का पाउडर बनाने के लिए पहले पकी हुई जामुन की गुठलियों को अच्छे से धो लें ताकि उन पर लगा गूदा हट जाए। फिर इन्हें 2-3 दिन धूप में सुखाएं, जब तक कि वे पूरी तरह से सूखकर कुरकुरी न हो जाएं। सूखी गुठलियों को छिलकर अंदर का बीज निकालें (यदि आवश्यक हो)। अब इन्हें मिक्सी में पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इस पाउडर को एयरटाइट डिब्बे में रखकर ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।
जामुन की गुठली के पाउडर के फायदे
- डायबिटीज को नियंत्रित करता है।
- यह पाउडर ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद जैम्बोलीन (jamboline) तत्व ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है।
- पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
- गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं में लाभकारी है।
- दिल को स्वस्थ रखता है।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और पोटैशियम होते हैं, जो हृदय को मजबूत बनाते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं。
कैंसर से लड़ने के गुण
इसमें मौजूद एंथोसायनिन्स और फेनोलिक्स कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक होते हैं।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे त्वचा साफ होती है और बालों का झड़ना कम होता है।
सेवन करने का तरीका
रोजाना 1/2 चम्मच जामुन की गुठली का पाउडर गुनगुने पानी या छाछ के साथ लें। डायबिटिक लोग इसे सुबह खाली पेट ले सकते हैं (डॉक्टर की सलाह अवश्य लें)।
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